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दोस्ती के अज़ीब रंग
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आज हकीकत पहचानी है दुनिया की,
दोस्ती में दोस्त न रहे,
दिल में प्यार छुपा हुवा पर कहने की हिम्मत न रही,
रिश्तों से दूर भागते, कल तक थे जो दोस्त यहाँ,
फ़र्ज में है बंध रहे पर कहने को भी शब्द नहीं,
हौसले हैं मजबूत पर उड़ने को पंख नही,
उड़ भी जाते एक बार सही, जब साथ में
होता यार वही,
आज आँखों में है उम्मीद बड़ी, हम सोचते है वो आये कभी,
है यादो के साये उनके ही छाये, और कहते हैं हम अकेले सही,
हे दोस्त मुझे तू न झुठलाना, तू बोल भी दे ये प्यार नही,
हे दोस्त मुझे न झुठलाना तू बोल भी दे ये प्यार नहीं।।
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#रोहित_गोस्वामी
#मेरठ, उत्तर प्रदेश
दिनाँक- 09/मई/2016
10:49AM

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