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Saturday 21 May 2016

इस युग में जन्म पाकर पछताया::__रोहित गोस्वामी::

By: | In: | Last Updated:


    ★★★★★★★★★★★★★              
    इस युग में जन्म पाकर पछताया
     ★★★★★★★★★★★★★







इस धरती पे जन्म का मोल भगत, आजाद ने है निभाया, आज घोर कलयुग है आया, 
यहाँ भाई - भाई का हुआ सगा न, बेटा माँ का हुआ न देख मेरे भाया, 
यहाँ न्यायालय सब पैसों वालो के हो गए, गरीबों के हिस्से में अब बस अन्याय ही है आया, 
आवाज सच की दबने पे मजबूर हो गयी, गरीब की आश चूर चूर हो गयी, 
वो न्यायपालिका की आँखे क्यों बंद हो गयी,.... 

इस भूमि को पूजे है हम पर इस घोर युग को देख ये रोहित खूब पछताया, 
आज अगर राणा, भगत सिंह और आजाद भी आते तो देख सोचते, क्या हमने इसी युग के लिये था अपना लहू बहाया,.... 

धन्य है ये भारत भूमि जिसमें जन्म हमने है पाया, परन्तु आज इस लोभी युग पे दानव राज समाया, 
जहाँ अंत मानवता का हो वो युग कैसे महान बने, 
हर कोई अपनी जब सोचे तो देश का अस्तित्व कैसे आगे बढे, 
हर राह में दानव बन बैठा है हम जैसा इंसान, तो कहाँ से बनेगा ये युग महान। 

पूर्वजों की आढ़ में पल रहे हम, उनके नाम पे बस आगे चल रहे हम, 
पर उन्होंने किया था युग को सुन्दर, और आज यहाँ हर सख़्श देखे है खुद में इक सिकंदर, 
गरीबों को जो लूट चले है, उन अमीरों को फकीरी फिर कहाँ मिले है, 
क्या ये भारत माँ का सम्मान हो रहा, या फिर ये युग महान हो रहा, 
धन्य है ये धरती जिसमे जन्म है हमने पाया, पर ये युग में जन्म पाकर हमे हुआ है खूब पछतावा। ....


■■■■■■■
‪#‎Copyright‬
‪#‎रोहित‬ गोस्वामी
‪#‎मेरठ_उत्तर_प्रदेश‬
दिनाँक- 22/मई/2016
01:11AM — 

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