हम शर्मिन्दा है इस युग में जो जन्म है हमने पाया,
मुट्ठी भर के धन के पीछे लोगो ने अपने इमान को दांव लगाया,
मान मर्यादा भूल गए सब, लगता है जैसे सच्चायी से हो पीछा छुड़ाया,
ओ प्रभु तूने क्यों हमको इस पापी कलयुग में जन्म दिलाया,
आँख मूँद जो करे फैसला वो न्यायपालिका हमने पायी,
फिर बोलो कैसे दिखलायेगी सबको सच्चाई,
वो दिन गुजर गये जिसमे थे प्रभुराम का रामराज्य,
आज आ गया युग वो पापी, जहाँ मिले दानव राज,
जैबे भरी पड़ी नोटों से, सच्चायी छुपी पड़ी ताखों में,
अब कोई नही सुनने वाला, यहाँ कोई नही जो प्रायश्चित करने वाला।
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#रोहित_गोस्वामी
#मेरठ, उत्तर_प्रदेश
दिनाँक- 21/मई/2016
11:28AM

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