Mothers day के पावन अवसर पर भावुक ह्रदय से आज में अपनी माँ और दुनियाँ की सारी माँ को समर्पित करते हुए ये कविता लिख रहा हूँ।।
◆◆◆◆
माँ
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माँ इस जग में मेने सबसे पहले तुझे ही पाया,
तूने ही मुझको इस जग मे है लाया,
माँ तूने ही मुझको चलना सिखाया,
ऊँगली पकड़ दुनिया को दिखाया,
गोदी में सर रख निवाला खिलाया,
मुझको सुलाने के लिये तूने लोरी भी गाया,
खुद कितनी हो दुखी पर फिर भी मुझे हंसाया,
माँ तू कितनी सुन्दर है, प्यार भरा कितना तेरे हृदय के अंदर है,
तेरा मन ममतामयी विशाल समन्दर है,
माँ तेरा दुनिया में कोई मोल नही,
माँ तुझ जैसा इस जग में और कोई अनमोल नही,
माँ मै धन्य हुआ जो तुमको इस जग में है पाया,
मेरे कार्य सभी सम्पन्न हुआ, बस तेरे लिए ही था मै इस जग में आया।।
.......
माँ तू सदैव मेरे ह्रदय में वास करती है। तेरी जगह कोई और नही ले सकता
तू मेरा पहला और आखिरी निस्वार्थ प्यार है।।।
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माँ
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माँ इस जग में मेने सबसे पहले तुझे ही पाया,
तूने ही मुझको इस जग मे है लाया,
माँ तूने ही मुझको चलना सिखाया,
ऊँगली पकड़ दुनिया को दिखाया,
गोदी में सर रख निवाला खिलाया,
मुझको सुलाने के लिये तूने लोरी भी गाया,
खुद कितनी हो दुखी पर फिर भी मुझे हंसाया,
माँ तू कितनी सुन्दर है, प्यार भरा कितना तेरे हृदय के अंदर है,
तेरा मन ममतामयी विशाल समन्दर है,
माँ तेरा दुनिया में कोई मोल नही,
माँ तुझ जैसा इस जग में और कोई अनमोल नही,
माँ मै धन्य हुआ जो तुमको इस जग में है पाया,
मेरे कार्य सभी सम्पन्न हुआ, बस तेरे लिए ही था मै इस जग में आया।।
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माँ तू सदैव मेरे ह्रदय में वास करती है। तेरी जगह कोई और नही ले सकता
तू मेरा पहला और आखिरी निस्वार्थ प्यार है।।।
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