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Tuesday, 3 May 2016

गुज़ारिश है:: __ रोहित गोस्वामी

By: | In: | Last Updated:




                     ★★★★★★
                      "गुज़ारिश है"
                     ★★★★★★



तुम्हे न पाने के एहसास को हरपल ठुकराने की कोशिश की है, 

तुझमें खो जाने की हर पल चाहत की है,
तू ही है जिंदगी मेरी, तू ही है शुकून मेरा, तुझ बिन लगता जैसे हर पल छाया हो अंधेरा,
तू है तो खुशियाँ हैं, तू है तो चैन है,
तुझ बिन जैसे जिंदगी बेचैन है,
अधूरी सी कहानी को पूरी करने की गुज़ारिश है,
तुझ संग संगम की हक़ीकत लगती जैसे बिन मौसम की बारिश हो,
इस बारिश में भीग जाने की गुजारिश है, तुझमें खो जाने की कोशिश है,
उस रब से यही मन्नत मांगता हूँ, 
उस संग जहाँ पल गुज़रे उसे ज़न्नत मानता हूँ,
चल फिर उस जन्नत में खो जाते हैं,
चल फिरसे कहीं गुम हो जाते हैं,
उसे पा लूँ बस इतनी गुज़ारिश है, उसमें खो जाने की नवाज़िश है,
खुदा को भी आज़ ज़मीं पे आना होगा, इस रूह को तेरी रूह से मिलवाना होगा,
जितनी बेसुधी तुझमें है, उतनी छायी बेखुदी मुझमें है,
तू अपने सुध में नही, देख मेरी रूह ठहरी खुद में नही,
तुझे न पाने के एहसास से भी डर लगता है,
गहरी नींद से भी ये ज़िस्म अब तो खुद ही जग उठता है,
तुझे पाने की पूरी गुज़ारिश की है, तेरे रूह के संगम की ख्वाहिश की है।



‪#‎copyright‬

‪#‎रोहित_गोस्वामी‬
‪#‎मेरठ‬
दिनाँक - 04 मई 2016
07:28 AM

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